National Lok Adalat : दंतेवाड़ा-सुकमा-बीजापुर में नेशनल लोक अदालत की बड़ी सफलता…! 3804 मामलों का निपटारा…₹17 करोड़ के अवार्ड के साथ ऐतिहासिक निष्पादन


दंतेवाड़ा, 14 सितंबर। National Lok Adalat : विगत दिवस जिला एवं सत्र न्यायालय दंतेवाड़ा में आयोजित नेशनल लोक अदालत में तीनों राजस्व जिलों – दंतेवाड़ा, सुकमा और बीजापुर के साथ-साथ बचेली न्यायालय में 11 खंडपीठों का गठन किया गया। लोक अदालत में कुल 3,945 नियमित व लंबित मामलों को रखा गया था, जिनमें से 3,804 मामलों का सफलतापूर्वक निराकरण करते हुए कुल ₹16,93,50,000 से अधिक के अवार्ड पारित किए गए।
यह लोक अदालत वर्चुअल और भौतिक, दोनों माध्यमों से आयोजित की गई थी।
प्रमुख खंडपीठों द्वारा निपटाए गए मामले व राशि विवरण
खंडपीठ क्रमांक-1 (मोटर दुर्घटना दावा अधिकरण – पीठासीन अधिकारी: प्रधान जिला न्यायाधीश विजय कुमार होता)
- कुल 08 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरणों का निराकरण
- पारित अवार्ड राशि: ₹1,69,35,000
- 02 सिविल निष्पादन प्रकरण भी निपटाए गए
खंडपीठ क्रमांक-2 (परिवार न्यायालय, हरिश कुमार अवस्थी)
- कुल 02 पारिवारिक प्रकरणों का निराकरण
खंडपीठ क्रमांक-3 (प्रथम अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश, मोहन प्रसाद गुप्ता)
- 01 मोटर दुर्घटना दावा प्रकरण
- अवार्ड राशि: ₹18,50,000
खंडपीठ क्रमांक-4 (विशेष न्यायालय – नक्सल प्रकरण, सुनील कुमार जायसवाल)
- 08 मोटर दुर्घटना दावा व 03 सिविल प्रकरण
- अवार्ड राशि: ₹61,80,000
खंडपीठ क्रमांक-5 (द्वितीय अपर जिला एवं सत्र न्यायाधीश – श्री डी.पी.सिंग दांगी)
- 02 मोटर क्लेम + 01 सिविल प्रकरण
- अवार्ड राशि: ₹27,00,000
खंडपीठ क्रमांक-6 (मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट, श्रीमती अपूर्वा दांगी)
- 1085 ट्रैफिक चालान, 07 आबकारी प्रकरण
- वसूली राशि: ₹3,44,263
खंडपीठ क्रमांक-7 (न्यायिक मजिस्ट्रेट वरिष्ठ श्रेणी, हर्षवर्धन जायसवाल)
- 403 ट्रैफिक चालान
- वसूली राशि: ₹40,300
खंडपीठ क्रमांक-8 (न्यायिक मजिस्ट्रेट कनिष्ठ श्रेणी, सुहासिनी ठाकुर)
- 314 बैंक वसूली प्रकरणों का निपटारा
राजीनामा के जरिए 2,282 नियमित मामलों का समाधान
साथ ही मुख्य न्यायिक मजिस्ट्रेट और न्यायिक मजिस्ट्रेट प्रथम श्रेणी, दंतेवाड़ा, सुकमा, बीजापुर व बचेली द्वारा 2,282 नियमित मामलों का राजीनामा के माध्यम से निपटारा किया गया।
अगली लोक अदालत की घोषणा
अधिकारियों ने जानकारी दी है कि अगली नेशनल लोक अदालत 13 दिसंबर 2025 को आयोजित की जाएगी, जिसमें एक बार फिर बड़ी संख्या में प्रकरणों के त्वरित व न्यायसंगत समाधान का प्रयास किया जाएगा।
इस लोक अदालत के सफल आयोजन ने यह सिद्ध कर दिया है कि वैकल्पिक विवाद निवारण प्रणाली के माध्यम से न्याय व्यवस्था को तेज, सुलभ और प्रभावी बनाया जा सकता है।