Naxal Operations : नारायणपुर में बड़ी कामयाबी…! 18 लाख के इनामी माओवादियों ने छोड़ा हथियार…12 खूंखार नक्सली लौटे विकास की राह पर

नारायणपुर, 17 सितम्बर। Naxal Operations : राज्य में चल रहे एंटी-नक्सल ऑपरेशनों को एक और बड़ी कामयाबी मिली है। नारायणपुर जिले में 12 सक्रिय नक्सलियों ने पुलिस अधीक्षक रोबिनसन गुड़िया के समक्ष आत्मसमर्पण कर मुख्यधारा में लौटने का फैसला किया। इन सभी पर कुल ₹18 लाख का इनाम घोषित था।
यह आत्मसमर्पण ऐसे समय पर हुआ है जब केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह द्वारा 2026 तक छत्तीसगढ़ को नक्सल-मुक्त करने का लक्ष्य निर्धारित किया गया है, और हालिया घटनाक्रम इस दिशा में सफलता के संकेत दे रहे हैं।
आत्मसमर्पण करने वाले प्रमुख नक्सली
नाम | पद | इनामी राशि |
---|---|---|
सुदरेन नेताम उर्फ सुधाकर | एरिया कमेटी सदस्य | ₹5 लाख |
धोबा सलाम उर्फ महेश सलाम | एरिया कमेटी सदस्य | ₹5 लाख |
सतारो सलाम | AOS-CNM सदस्य | ₹2 लाख |
लक्ष्मण माडवी | मिलिट्री प्लाटून PPCM | ₹2 लाख |
राजू राम ओयाम | पार्टी सदस्य (PM) | ₹1 लाख |
चैतू उर्फ बलदेव मरकाम | जनताना सरकार अडयाभ | ₹1 लाख |
आयते पोडियाम | SZCM पार्टी सदस्य | ₹1 लाख |
कुमे माड़वी | CNM सदस्य | ₹50 हजार |
मंगतू वड्डदा | CNM सदस्य | ₹50 हजार |
रुक्मी पोडियाम | जनताना सरकार सदस्य | – |
शंकर मड़काम | मिलिशिया कमांडर | – |
मंगलो पोडियाम | जनताना सरकार उपाध्यक्ष | – |
आत्मसमर्पण की वजहें
पुलिस अधिकारियों के अनुसार, आत्मसमर्पण करने वाले नक्सली लंबे समय से संगठन में सक्रिय थे और कई गंभीर वारदातों में शामिल रहे हैं। लेकिन, सुरक्षाबलों के बढ़ते दबाव और नए कैंपों की स्थापना ने उनकी गतिविधियों को सीमित कर दिया है। नक्सल विचारधारा से मोहभंग हो चुका है। पूछताछ में खुलासा हुआ है कि शीर्ष माओवादी नेता जल, जंगल और जमीन के झूठे वादों से आदिवासियों को बहकाते हैं और उनका शोषण करते हैं। महिला नक्सलियों के साथ शारीरिक और मानसिक शोषण की घटनाएं आम हैं, जिससे संगठन के भीतर असंतोष बढ़ा है।
पुनर्वास और नई शुरुआत
राज्य सरकार द्वारा घोषित नक्सल पुनर्वास नीति के तहत, सभी 12 नक्सलियों को ₹50,000 की प्रोत्साहन राशि दी गई। उन्हें शिक्षा, स्वास्थ्य, रोजगार और पुनर्वास से जुड़ी सभी सरकारी सुविधाएं प्रदान की जाएंगी, ताकि वे समाज में सम्मानजनक जीवन जी सकें।
पुलिस अधिकारियों का बयान
एसपी रोबिनसन गुड़िया ने कहा, हमारा मकसद सिर्फ माओवादी गतिविधियों का खात्मा नहीं, बल्कि अबूझमाड़ जैसे दुर्गम क्षेत्रों के आदिवासियों को विकास की मुख्यधारा से जोड़ना है। बस्तर रेंज के आईजी सुंदरराज पी. ने कहा, साल 2025 में सुरक्षाबलों ने माओवादी संगठन को बड़ा नुकसान पहुंचाया है। आत्मसमर्पण इसी का परिणाम है।
नारायणपुर में हो रहे लगातार आत्मसमर्पण (Naxal Operations) इस बात का संकेत हैं कि अब अबूझमाड़ में नक्सलवाद की पकड़ ढीली पड़ चुकी है। यह केवल सुरक्षाबलों की रणनीतिक जीत नहीं, बल्कि आदिवासी समाज के लिए शांति, सुरक्षा और विकास की एक नई सुबह है।