Mushroom Production and Processing : किसानों एवं महिलाओं ने सीखा मशरूम उत्पादन एवं प्रसंस्करण
रायपुर, 04 अक्टूबर। Mushroom Production and Processing : इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के पौध रोग विभाग द्वारा अखिल भारतीय समन्वित मशरूम अनुसंधान परियोजना अंतर्गत पांच दिवसीय मशरूम एवं स्पान उत्पादन पर प्रशिक्षण कार्यक्रम का आयोजन किया गया, इस कार्यक्रम में कृषि विज्ञान केन्द्रों के विषय वस्तु विशेषज्ञ तथा मशरूम उत्पादन करने वाले प्रगतिशील कृषक एवं महिलाएं शामिल हुए। प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान आयोजित विभिन्न तकनीकी सत्रों के माध्यम से प्रतिभागियों को मशरूम बीज (स्पान) बनाने की तकनीक के विभिन्न चरणों का जीवंत प्रदर्शन, छत्तीसगढ़ राज्य में व्यावसायिक रूप से उगाये जाने वाले मशरूमों जैसे-आयस्टर, पैरा तथा दूधिया मशरूमों की उत्पादन तकनीक का जीवंत प्रदर्शन किया गया तथा मशरूम के प्रसंस्कृत उत्पादों का भी प्रदर्शन किया गया। प्रशिक्षण कार्यक्रम में प्रतिभागियों ने ‘स्वयं से करके देखो‘ पद्धति के माध्यम से मशरूम बीज, मशरूम उत्पादन, मशरूम प्रसंस्करण को पूरी तन्मयता से सीखा। इस अवसर पर मशरूम वैज्ञानिकों द्वारा प्रतिभागियों की जिज्ञासाओं का समाधान किया गया।
प्रशिक्षण कार्यक्रम के दौरान प्रतिभागियों को ग्राम तंेदुआ, नवा रायपुर में सफल महिला मशरूम उद्यमी श्रीमती नम्रता यदु द्वारा व्यायसायिक रूप से संचालित मशरूम उत्पादन केन्द्र का भ्रमण भी कराया गया। इस अवसर पर उन्होने प्रशिक्षण के दौरान बताये गये सभी पहलुओं का प्रत्यक्ष रूप से अवलोकन किया। इस पांच दिवसीय प्रशिक्षण कार्यक्रम के समापन सत्र में इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय के संचालक अनुसंधान सेवाएं डॉ. विवेक कुमार त्रिपाठी, निदेशक विस्तार सेवायें, डॉ. अजय वर्मा, पौध रोग विभाग के विभागाध्यक्ष डॉ. ए.एस. कोटस्थाने, सह-संचालक अनुसंधान डॉ. धनंजय शर्मा उपस्थित थे। सभी सम्मानीय अतिथियों द्वारा छत्तीसगढ़ के विभिन्न जिलों में संचालित कृषि विज्ञान केन्द्रों के माध्यम से मशरूम बीज (स्पान) की उपलब्धता को सुनिश्चित करने पर बल दिया गया। इसके लिये तकनीकी मार्गदर्शन मशरूम अनुसंधान प्रयोगशाला, इंदिरा गांधी कृषि विश्वविद्यालय, रायपुर के पौध रोग विभाग द्वारा किया जाएगा। कार्यक्रम के अन्त में प्रतिभागियों को प्रमाण पत्र वितरित किये गये। पांच दिवसीय मशरूम प्रशिक्षण कार्यक्रम का सफल क्रियान्वयन डॉ. एच.के. सिंह, मशरूम वैज्ञानिक तथा पौध रोग विभाग के अन्य वैज्ञानिकों द्वारा किया गया।