छत्तीसगढ

Korba News : कोरबा जिले का कोई भी विद्यालय नहीं रहेगा शिक्षकविहीन, अब दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालय के विद्यार्थियों को भी मिलेगी बेहतर शिक्षा, जिले के सभी मिडिल स्कूलों में होगी तीन शिक्षकों की उपलब्धता

रायपुर, 04 जून। Korba News : राष्ट्रीय शिक्षा नीति 2020 और शिक्षा के अधिकार के तहत राज्य में शिक्षा व्यवस्था को बेहतर बनाने के उद्देश्य से स्कूलों की युक्तियुक्तकरण की दिशा में अभिनव पहल किया जा रहा है। इस पहल के तहत कोरबा जिले में अतिशेष शिक्षकों के काउंसिलिंग की प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। इस प्रक्रिया के पूरा होने के साथ ही जिले के दूरस्थ क्षेत्रों में मौजूद शिक्षकविहीन और एकल शिक्षकीय विद्यालयों को नए शिक्षक मिल गए, वहीं इन क्षेत्रों में रहने वाले विद्यार्थियों को भी बेहतर शिक्षा की गारण्टी सुनिश्चित हो गई है। आने वाले दिनों में जब विद्यालय खुलेंगे तो उन्हें नए शिक्षक के साथ अध्ययन का अवसर मिलेगा। 

कोरबा जिले में आयोजित की गई काउंसिलिंग प्रक्रिया के पश्चात पोड़ी उपरोड़ा, पाली, कोरबा ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्रों के अनेक विद्यालयों के बच्चों को सीधा लाभ मिलेगा। पिपरिया, लमना, मोरगा, दुल्लापुर, चोटिया, पसान, अरसिया, पोड़ी, पाली, सिरमिना, सपलवा, उड़ान, रतखंडी, परसदा, बारी उमराव, पहाडग़ांव, बाईसेमर, नकिया, श्यांग, लेमरू, खमहून, सिमकेन्दा, लामपहाड़, बिंझकोट जैसे दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में अब पर्याप्त शिक्षक होंगे।

शासन के दिशा-निर्देशों के तहत जिला प्रशासन और शिक्षा विभाग द्वारा अतिशेष शिक्षकों की काउंसिलिंग प्रक्रिया पूरी कर ली गई है। लगातार तीन दिनों तक चले इस प्रक्रिया में निष्पक्षता और पारदर्शिता के साथ अतिशेष शिक्षकों को शिक्षकविहीन विद्यालय और शिक्षकों की कमी वाले स्कूलों में पदस्थ किया गया। सर्वप्रथम प्राथमिक शालाओं में अतिशेष प्रधानपाठकों और सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग 31 मई को की गई। इस प्रक्रिया में 287 सहायक शिक्षकों की काउंसलिंग की गई। प्राथमिक शाला के इस काउंसिलिंग प्रक्रिया में 14 शिक्षकविहीन और 273 एकलशिक्षकीय विद्यालय भी शामिल है, जहाँ अतिशेष शिक्षकों की नियुक्ति के पश्चात अब ये विद्यालय शिक्षकविहीन नहीं रहेंगे। अतिशेष शिक्षकों के समायोजन के पश्चात सभी प्राथमिक शाला में अब कम से कम दो शिक्षक होंगे। इसी तरह 3 जून को माध्यमिक शाला अंतर्गत शिक्षकों की काउंसिलिंग की प्रक्रिया आयोजित की गई। जिसमें 4 प्रधानपाठकों और 147 शिक्षकों की काउंसिलिंग आयोजित कर उन्हें शिक्षकविहीन और एकलशिक्षकीय-द्विशिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थ किया गया है। काउंसिलिंग के पश्चात 20 एकलशिक्षकीय और 4 शिक्षकविहीन और 62 द्विशिक्षकीय मिडिल स्कूलों में भी अब कम से कम तीन शिक्षक पदस्थ हो गए हैं। दो जून को हाई और हायर सेकंडरी विद्यालय के अतिशेष व्याख्याताओं की काउंसिलिंग की प्रक्रिया आयोजित कर 75 अतिशेष व्याख्याताओं को उन विद्यालयों में पदस्थ किया गया है, जहाँ गणित, रसायन, भौतिकी, हिंदी, अंग्रेजी, कामर्स विषयों के शिक्षकों की कमी थी।  

सबसे ज्यादा पोड़ी उपरोड़ा और पाली ब्लॉक के दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यार्थियों को होगा लाभ

शासन द्वारा अतिशेष शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण का निर्देश जारी करने के पश्चात जिले में कई गई कार्यवाही का लाभ दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलेगा। कोरबा जिले के पोड़ी उपरोड़ा ब्लॉक में लगभग 100 प्राथमिक विद्यालय ऐसे थे जहाँ एकलशिक्षक होने की वजह से अध्ययन व्यवस्था प्रभावित होती रही है। इसी तरह पाली ब्लॉक के 76 प्राथमिक शाला, करतला के 30, कटघोरा ब्लॉक के 26 और कोरबा ब्लॉक के लगभग 34 प्राथमिक शाला में भी एक शिक्षक के स्थान पर अब कम से कम दो शिक्षक पदस्थ होंगे। अतिशेष शिक्षकों की नई जगह पर पदस्थापना से दूरस्थ क्षेत्र के विद्यालयों में जहाँ शिक्षकों की कमी दूर हो गई है वहीं इन विद्यालयों में पढ़ाई करने वाले विद्यार्थियों के लिए भी शासन द्वारा जारी आदेश के तहत की गई युक्ति युक्तकरण की व्यवस्था लाभदायक होने जा रही है। 

शिक्षकों और पालकों को मिलेगी राहत

अतिशेष शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण का लाभ दूरस्थ क्षेत्र के विद्यार्थियों को मिलने के साथ ही अनेक शिक्षकों के लिए भी लाभदायक साबित होगा। कुछ विद्यालय में शिक्षक नहीं होने से आसपास के किसी विद्यालय के शिक्षक को संलग्न कर अध्यापन के लिए भेजा जाता था। उनके ऊपर अधिक संख्या में मौजूद बच्चों को पढ़ाने की पूरी जिम्मेदारी के साथ ही अन्य कार्यों की जिम्मेदारी भी रहती थी। शिक्षक नहीं होने या कम शिक्षक होने से बच्चों के पालक भी परेशान होते थे। अब शिक्षकों और पालकों को इसका लाभ मिलेगा।

गणित, भौतकी, रसायन, जीवविज्ञान में नहीं रहेंगे कमजोर

प्राथमिक और माध्यमिक शाला के अतिशेष शिक्षकों को दूरस्थ क्षेत्रों के शिक्षकविहीन और एकलशिक्षकीय विद्यालयों में पदस्थ किए जाने से विद्यालयों में शिक्षा की नींव मजबूत होगी वहीं हायर सेकण्डरी में पहुँचने वाले विद्यार्थियों को भी अब गणित, भौतकी, रसायन, जीवविज्ञान, अंग्रेजी जैसे विषयों में परेशानी का सामना नहीं करना पड़ेगा। ग्रामीण क्षेत्रों के विद्यार्थियों में कला विषय चयन करने के अलावा गणित, विज्ञान विषय चयन करने में रुचि जागेगी। इंजीनियरिंग और मेडिकल के क्षेत्र में जाने वाले विद्यार्थियों को नए व्याख्याताओं की नियुक्ति से लाभ होगा।

कलेक्टर अजीत वसंत ने कहा कि कोरबा जिले में अतिशेष शिक्षकों के युक्ति युक्तकरण की प्रकिया शासन के दिशा निर्देशों के अंतर्गत पूरी कर ली गई है। शिक्षा विभाग और जिला प्रशासन द्वारा निष्पक्ष और पारदर्शिता के साथ काउंसिलिंग आयोजित की गई। अतिशेष शिक्षकों के समायोजन से दूरस्थ क्षेत्रों के विद्यालयों के विद्यार्थियों को भी लाभ मिलेगा। इस व्यवस्था से विद्यार्थियों का पाठ्यक्रम समय पर पूरा होगा। सभी प्राथमिक शालाओं में अब कम से कम दो शिक्षक और मिडिल स्कूल में तीन शिक्षक होंगे। प्राथमिक और माध्यमिक शाला के बच्चों को शिक्षक मिलने से उनके शिक्षा की नींव मजबूत होगी। इसके बाद हाई और हायर सेकण्डरी विद्यालयों में भी गणित, रसायन, भौतकी, जीवविज्ञान, अंग्रेजी आदि विषय के व्याख्याता पदस्थ हो जाने से उन्हें कठिन लगने वाले विषय को अध्ययन करने में आसानी होगी।  विद्यालयों में पर्याप्त शिक्षको की व्यवस्था हो जाने से आने वाले दिनों में जिले का शैक्षणिक माहौल बदलेगा और नई तस्वीर दिखाई देगी।

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